संदेश

अगस्त, 2024 की पोस्ट दिखाई जा रही हैं

माधव शुक्ल ‘मनोज’

1 अक्टूबर 1930 में सागर में जन्मे माधव शुक्ल मनोज बुन्देली एवं हिन्दी के सुपरिचित कवि-लेखक। लोक कलाओं में गहरी अभिरुचि। राष्ट्रपति पुरस्कार प्राप्त शिक्षक। बुन्देलखण्ड के लोक नृत्य राई पर शोधात्मक कार्य लेखन। प्रकाशित मोनोग्राफ। म.प्र. आदिवासी लोक कला परिषद के मनोनीत कार्यकारिणी समिति के पूर्व सदस्य। सन् 1942 के स्वंतत्रता संग्राम में सक्रिय ( भूमिगत ) भाग लिया। ‘विन्यास’ मासिक पत्रिका एवं ‘ सोनार बंगला देश ’ कविता संकलन, ‘ कला चर्या ’ मासिक पत्रिका के संपादक। आकाशवाणी भोपाल 1953 से सम्बद्ध स्थायी अनुबंधित कवि। छतरपुर आकाशवाणी के मनोनीत कार्यक्रम सलाहकार समिति के पूर्व सदस्य। प्रगतिशील लेखक संघ सागर इकाई के पूर्व अध्यक्ष। दूरदर्शन एवं महत्वपूर्ण बुंदेली कला-साहित्य संस्थाओं से सम्बद्ध। राष्ट्रीय एकता यात्रा दल सागर के संयोजक। साहित्यक पत्र-पत्रिकाओं-संग्रहों में समयानुसार प्रकाशित रचनायें। डा. सर हरिसिंह गौर विष्वविद्यालय के बी.ए. फाईनल बुंदेली पाठ्यक्रम में शामिल।# # प्रमुख कृतियां: एक नदी कण्ठी-सी,नीला बिरछा/धुनकी ,टूटे हुए लोगों के नगर में, जिन्दगी चन्दन बोती है ,जब रास्ता चौराहा