संदेश

भारतीय संविधान देश की आत्मा: डॉ लीना मिश्र

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बालिका विद्यालय में संविधान दिवस का आयोजन बालिका विद्यालय इंटरमीडिएट कॉलेज मोतीनगर लखनऊ में आज संविधान दिवस का आयोजन किया गया। इस वर्ष संविधान दिवस की थीम थी- हमारा संविधान, हमारा स्वाभिमान। संविधान की प्रारूप सभा जिसमें 299 सदस्य थे, ने 26 नवंबर 1949 में संविधान तैयार करने का कार्य पूर्ण किया था, जिसका विषय था- देश के सभी नागरिकों के लिए लोकतंत्र, समानता, न्याय, स्वतंत्रता व बंधुत्व। इस दिन भारतीय संविधान को अपनाया गया था। संविधान भारत का सर्वोच्च कानून है। यह लिखित दस्तावेज है जो सरकार व उसके संगठनों के मौलिक बुनियादी संहिता, संरचना, प्रक्रियाओं, शक्तियों और कर्तव्यों तथा नागरिकों के अधिकारों व कर्तव्य का निर्धारण करने वाले ढांचे को निर्धारित करता है। छात्राओं को इसके विषय में विस्तार पूर्वक जानकारी दी गई। इस कार्यक्रम का आयोजन प्रतिभा रानी के निर्देशन में हुआ जिसमें सीमा आलोक वार्ष्णेय, माधवी सिंह और रागिनी यादव का सहयोग रहा। कार्यक्रम का संचालन कक्षा 11 की छात्रा सृष्टि सिंह ने किया। छात्राओं ने संविधान के विषय में विस्तार से अपने अपने विचार प्रस्तुत किए।संविधान के महत्त्व को ब...

पूर्व विधानसभा अध्यक्ष जी को राजा नैन सिंह पुस्तक भेट करते प्रताप सिंह नागर मेरठ

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प्रताप सिंह नागर को नूतन कहानियां सम्मान से सम्मानित किया गया

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लखनऊ अक्टूबर, 2024,वरिष्ठ लेखक शिव शरण त्रिपाठी द्वारा लिखित पुस्तक हिन्दी साहित्य समग्र के विमोचन समारोह मंच उत्तर प्रदेश हिन्दी संस्थान के सभागार में डा0 सत्यदेव द्विवेदी पथिक,सुरेन्द्र अग्निहोत्री की अध्यक्षता मे चयन समीति द्वारा चयनित मेरठ क्राति के महानायक कुंवर कदम सिंह की बलिदान गाथा को पहली बार अपनी पुस्तक के माध्यम से देश वासियो को परचित कराने बाले प्रताप सिंह नागर को नूतन कहानियाँ सम्मान से श्री अनिल कुमार पाठक जी आई ए एस निदेशक सूडा,पूर्व मंत्री सरजीत सिंह डंग ,श्री हरि शंकर मिश्र के हिन्दी संस्थान की प्रधान संपादिका डा अमिता दुबे,लेखक शिव शरण त्रिपाठी कर कमलो से सम्मानित किया गया।

माधव शुक्ल ‘मनोज’

1 अक्टूबर 1930 में सागर में जन्मे माधव शुक्ल मनोज बुन्देली एवं हिन्दी के सुपरिचित कवि-लेखक। लोक कलाओं में गहरी अभिरुचि। राष्ट्रपति पुरस्कार प्राप्त शिक्षक। बुन्देलखण्ड के लोक नृत्य राई पर शोधात्मक कार्य लेखन। प्रकाशित मोनोग्राफ। म.प्र. आदिवासी लोक कला परिषद के मनोनीत कार्यकारिणी समिति के पूर्व सदस्य। सन् 1942 के स्वंतत्रता संग्राम में सक्रिय ( भूमिगत ) भाग लिया। ‘विन्यास’ मासिक पत्रिका एवं ‘ सोनार बंगला देश ’ कविता संकलन, ‘ कला चर्या ’ मासिक पत्रिका के संपादक। आकाशवाणी भोपाल 1953 से सम्बद्ध स्थायी अनुबंधित कवि। छतरपुर आकाशवाणी के मनोनीत कार्यक्रम सलाहकार समिति के पूर्व सदस्य। प्रगतिशील लेखक संघ सागर इकाई के पूर्व अध्यक्ष। दूरदर्शन एवं महत्वपूर्ण बुंदेली कला-साहित्य संस्थाओं से सम्बद्ध। राष्ट्रीय एकता यात्रा दल सागर के संयोजक। साहित्यक पत्र-पत्रिकाओं-संग्रहों में समयानुसार प्रकाशित रचनायें। डा. सर हरिसिंह गौर विष्वविद्यालय के बी.ए. फाईनल बुंदेली पाठ्यक्रम में शामिल।# # प्रमुख कृतियां: एक नदी कण्ठी-सी,नीला बिरछा/धुनकी ,टूटे हुए लोगों के नगर में, जिन्दगी चन्दन बोती है ,जब रास्ता चौराहा ...

फिल्म " नानक नाम जहाज़ है " इस सदी का सबसे बड़ा नाम है... कल्याणी सिंह ( निर्देशक व लेखिका ).

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  फिल्म की निर्देशक और लेखिका कल्याणी सिंह उन चुनिंदा फिल्मी हस्तियों में से एक हैं जिन्होंने फिल्म इंडस्ट्री में अपनी मेहनत और प्रतिभा से अपना एक मुकाम हासिल किया है. बतौर फिल्म पत्रकार अपना करियर शुरू करने वाली कल्याणी सिंह ने " राइट इमेज इंटरनेशनल " कंपनी की स्थापना की और " गुनहगार ", " जुर्माना ", " राजा भैया "," कृष्णावतार ", क्रांति क्षेत्र ", " गहरी चाल ", " मैंने गांधी को क्यों मारा ",  जैसी फिल्मों का निर्माण किया और ट्रेंड सेटर कही जाने वाली टी ० वी ० सीरियल " आशियाना " और विज्ञापन जगत में अपनी पहचान बनाने वाली कल्याणी सिंह ने हॉलीवुड के लीजेंड निर्देशक मार्टिन कोर्सेसी की अकेडमी से फिल्म निर्देशन की ट्रेनिंग लेकर फिल्म निर्देशन की छोटी छोटी बारीकियों को बखूबी समझा. इन दिनों कल्याणी सिंह अपनी रिलीज होने वाली फिल्म " नानक नाम जहाज़ है " को लेकर बेहद उत्सहित हैं जो 24 मई 2024 को वर्ल्ड वाइड रिलीज होने जा रही है और जिसे रिलायंस एंटरटेनमेंट कंपनी रिलीज कर रही है, हम अपने पाठकों को बता द...

मातृ दिवस के अवसर पर कला स्रोत में होगी वत्सल अखिल भारतीय कला प्रदर्शनी का आयोजन

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आज पूरी दुनिया में ‘इंटरनेशनल मदर्स डे’ और ‘इंटरनेशनल  नर्सेस डे’ का उत्सव मनाया जा रहा है। दोनों के हृदय में वत्सल भाव होता है और दोनों – एक अपनी संतति को और दूसरी व्याधिग्रस्त शरीर को वात्सल्यसिक्त कर देती हैं। दोनों नवजीवन देती हैं। कलाकार भी विचारों, कल्पनाओं, सपनों, स्थावर-जंगम सभी को नवजीवन देता है- अपनी रचनाओं में। वह भी माँ से प्रेरित और अनुप्राणित होता है। माँ के बोल सुन और स्पर्श पाकर खिल उठता है उसका तन-मन और तैयार होता है एक नवाचारी एवं समृद्ध रचना के लिए जो सबके लिए कल्याणकारी हो। कलाकार सबका कल्याण चाहता है, भोगे हुए दुख को भी सकारात्मकता के साथ रचता है। उसमें भी मातृत्व भाव-वात्सल्य भाव जगता है अपनी रची रचनाओं के लिए। वह भी बतियाता, गुनगुनाता, दुलारता, सहलाता है अपनी रचनाओं को, भोगता है रचने का सुख-प्रसव सुख।     मातृ दिवस का उत्सव मनाने के लिए तैयार है कला स्रोत कला वीथिका जिसमें प्रदर्शित 41 चित्रों से सजी वत्सल अखिल भारतीय कला प्रदर्शनी का उद्घाटन प्रोफेसर शोभा मिश्र विभागाध्यक्ष, इतिहास विभाग, नवयुग कन्या स्नातकोत्तर महाविद्यालय लखनऊ द्वारा किया जा...

तप और ज्ञान की भूमि है पुरा महादेव श्री परशुराम धाम : पं. सुनील भराला

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बागपत/मेरठ। आज दिनांक 11/05/2024 को भगवान श्री परशुराम जी के अवतरण दिवस के पावन अवसर पर पुरा महादेव में 11 कुंडलीय महायज्ञ का भव्य आयोजन किया गया और आहुति दी गई दी गई। प्रथम बार भगवान श्री परशुराम जी की तपोभूमि पुरा महादेव में प्राण प्रतिष्ठा के उपरांत उनकी मूर्ति स्थापित कर वहां महायज्ञ का आयोजन कर इस भूमि को पूरा शुद्धिकरण किया गया। महायज्ञ के उपरांत एक विशाल भंडारे का आयोजन भी किया गया और प्रसाद वितरण किया गया तथा जी। कार्यक्रम के उपरांत महासम्मेलन में बोलते हुए पंडित सुनील भराला, पूर्व राज्यमंत्री उत्तर प्रदेश सरकार व संस्थापक राष्ट्रीय परशुराम परिषद ने बोलते हुए कहा कि यहां भगवान परशुराम जी की तपोभूमि है और उनकी तपस्या के उपरांत भगवान श्री परशुराम यहां संकल्पित है, स्वयंभु उत्पन्न हुए और यहां सिद्धि, तप और ज्ञान की प्राप्ति होती है और इस ज्ञान की प्राप्ति पर यहां स्वयंभु भगवान शंकर जी ने भी दर्शन दिए थे। यह पीठ इसी कारण से भगवान परशुराम जी के नाम से नहीं परशुराम महादेव के नाम से जानी गई। यहां के महंत पूज्य महंत श्री ऋषि मुनि जी महाराज एवं मनीष जी महाराज जी के द्वारा किए गए लंबे सं...