मातृ दिवस के अवसर पर कला स्रोत में होगी वत्सल अखिल भारतीय कला प्रदर्शनी का आयोजन




आज पूरी दुनिया में ‘इंटरनेशनल मदर्स डे’ और ‘इंटरनेशनल  नर्सेस डे’ का उत्सव मनाया जा रहा है। दोनों के हृदय में वत्सल भाव होता है और दोनों – एक अपनी संतति को और दूसरी व्याधिग्रस्त शरीर को वात्सल्यसिक्त कर देती हैं। दोनों नवजीवन देती हैं। कलाकार भी विचारों, कल्पनाओं, सपनों, स्थावर-जंगम सभी को नवजीवन देता है- अपनी रचनाओं में। वह भी माँ से प्रेरित और अनुप्राणित होता है। माँ के बोल सुन और स्पर्श पाकर खिल उठता है उसका तन-मन और तैयार होता है एक नवाचारी एवं समृद्ध रचना के लिए जो सबके लिए कल्याणकारी हो। कलाकार सबका कल्याण चाहता है, भोगे हुए दुख को भी सकारात्मकता के साथ रचता है। उसमें भी मातृत्व भाव-वात्सल्य भाव जगता है अपनी रची रचनाओं के लिए। वह भी बतियाता, गुनगुनाता, दुलारता, सहलाता है अपनी रचनाओं को, भोगता है रचने का सुख-प्रसव सुख।    
मातृ दिवस का उत्सव मनाने के लिए तैयार है कला स्रोत कला वीथिका जिसमें प्रदर्शित 41 चित्रों से सजी वत्सल अखिल भारतीय कला प्रदर्शनी का उद्घाटन प्रोफेसर शोभा मिश्र विभागाध्यक्ष, इतिहास विभाग, नवयुग कन्या स्नातकोत्तर महाविद्यालय लखनऊ द्वारा किया जाएगा और विशिष्ट अतिथि होंगे प्रख्यात वक्ता और कला संरक्षक आत्मप्रकाश मिश्र, कार्यक्रम प्रमुख, दूरदर्शन, उत्तर प्रदेश।






प्रदर्शनी की क्यूरेटर डॉ लीना मिश्र ने बताया कि इस प्रदर्शनी में देश के कुल इकतालीस कलाकार सम्मिलित हैं – ग्यारह वे, जिन्होंने एक लंबी कला-यात्रा पूरी कर कला जगत में अपने को स्थापित किया है और तीस वे, जो अपने अग्रजों, मार्गदर्शकों, स्तम्भ कलाकारों एवं अपनी समृद्ध परंपराओं द्वारा स्थापित सांस्कृतिक मूल्यों से प्रेरित और अनुप्राणित होकर एक अनंत यात्रा पर निकले हैं। इन्हें जीवन में अभी बहुत सीखना, जानना, समझना और अपने को स्थापित करते हुए समाज को लौटाना है, जो अब तक पाया है उसमें अपने को जोड़ते हुए। इन समस्त कलाकारों ने जो रचा है वह उनकी संतति है, उसके प्रति उनका प्रेम है। सभी चित्रों की अपनी शैली, अपना स्वर और अपना संगीत है जो कलाप्रेमियों को भाएगा।  
प्रदर्शनी की समन्वयकद्वय डॉ अनीता वर्मा एवं सुमित कुमार ने बताया कि प्रदर्शनी में मुंबई से डगलस जॉन, भोपाल से यूसुफ, लखनऊ से राजेंद्र प्रसाद, डॉ अवधेश मिश्र, उमेंद्र सिंह, बनारस से डॉ उत्तमा दीक्षित, डॉ कनुप्रिया, डॉ महेश सिंह, डॉ राजीव मंडल, साहेब राम टूडू, सुरेश के नायर आमंत्रित कलाकार के रूप में और डॉ अनीता वर्मा, अवनीश भारती, अर्पिता द्विवेदी, अनुराग गौतम, अंबरीश मिश्रा, अंशुमा यादव, अनुरंजिका द्विवेदी, आशीष वर्मा, देवता प्रसाद मौर्य, डॉ दीक्षा जायसवाल, दिलीप कुमार सिंह, दिव्यांशी मिश्रा, कमलेश्वर सिंह, करुणा तिवारी, लोकेश कुमार, मयंक सिंह यादव, निधि चौबे, प्रशांत चौधरी, प्रवीण पटेल, डॉ सचिव गौतम, संध्या यादव, सपना यादव, सरिता सिंह, साैरवी सिंह, शिखा पांडे, शुभम कुमार कुशवाहा, सिद्धार्थ देव, एस के सौरभ, सुमित कश्यप और सुमित कुमार युवा कलाकार के रूप में सम्मिलित हैं।
कला स्रोत कला वीथिका के निदेशकद्वय अनुराग डिडवानिया एवं मानसी डिडवानिया ने बताया कि दर्शकों के आलोकनार्थ प्रदर्शनी 19 मई 2024 अपरान्ह 2 बजे से 7 बजे सायं तक खुली रहेगी।

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