फिल्म " नानक नाम जहाज़ है " इस सदी का सबसे बड़ा नाम है... कल्याणी सिंह ( निर्देशक व लेखिका ).



 
फिल्म की निर्देशक और लेखिका कल्याणी सिंह उन चुनिंदा फिल्मी हस्तियों में से एक हैं जिन्होंने फिल्म इंडस्ट्री में अपनी मेहनत और प्रतिभा से अपना एक मुकाम हासिल किया है. बतौर फिल्म पत्रकार अपना करियर शुरू करने वाली कल्याणी सिंह ने " राइट इमेज इंटरनेशनल " कंपनी की स्थापना की और " गुनहगार ", " जुर्माना ", " राजा भैया "," कृष्णावतार ", क्रांति क्षेत्र ", " गहरी चाल ", " मैंने गांधी को क्यों मारा ",  जैसी फिल्मों का निर्माण किया और ट्रेंड सेटर कही जाने वाली टी ० वी ० सीरियल " आशियाना " और विज्ञापन जगत में अपनी पहचान बनाने वाली कल्याणी सिंह ने हॉलीवुड के लीजेंड निर्देशक मार्टिन कोर्सेसी की अकेडमी से फिल्म निर्देशन की ट्रेनिंग लेकर फिल्म निर्देशन की छोटी छोटी बारीकियों को बखूबी समझा.
इन दिनों कल्याणी सिंह अपनी रिलीज होने वाली फिल्म " नानक नाम जहाज़ है " को लेकर बेहद उत्सहित हैं जो 24 मई 2024 को वर्ल्ड वाइड रिलीज होने जा रही है और जिसे रिलायंस एंटरटेनमेंट कंपनी रिलीज कर रही है, हम अपने पाठकों को बता दें कि इसी नाम से 1969 में एक सुपर हिट पंजाबी फिल्म आयी थी जिसने एक ऐसा इतिहास रच दिया था , जिसका स्थान आज तक कोई नहीं ले सका.
वर्ल्ड की यह पहली इकलौती फिल्म थी , जिसे देखने के लिए दर्शक सिनेमा घरों में अपने जूते, चप्पल निकाल कर और अपने सिर को ढक कर जाते थे,यह कहना अतिश्योक्ति नहीं  कि उन दर्शकों की नजर में   " नानक नाम जहाज़ है " किसी गुरद्वारे से कम नहीं थी क्योंकि उन दर्शकों की यही धारणा थी कि वह लोग फिल्म देखने नहीं बल्कि किसी गुरद्वारे में जा रहे हैं.



सवाल : आपके मन में फिल्म " नानक नाम जहाज़ है " बनाने का खयाल कैसे आया ?
" फिल्म इंडस्ट्री में अचानक कॉरपोरेट के आ जाने से फिल्म इंडस्ट्री के 90% फिल्म निर्माताओं के दफ्तर पर ताला लग गया, अमिताभ बच्चन, सलमान खान , शाहरुख खान , गोविंदा , अजय देवगन और अक्षय कुमार जैसे बड़े स्टार्स के साथ फिल्म बना चुके निर्माता भी कॉरपोरेट की चपेट में आकर धराशायी हो गए थे और हम भी उनमें से एक थे.
हमने जब नए फिल्म निर्माण की योजना बनानी शुरू की तो हमारे सामने विकट चुनौती थी कि आखिर बनाएं भी तो कौन सी फिल्म बनाएं  , जिससे हमारा एक मजबूत आधार बन सके , अचानक मान सिंह जी के मन में खयाल आया कि अगर हमें " नानक नाम जहाज़ है " टाइटिल मिल जाए तो इससे बड़ी फिल्म और क्या हो सकती है ? यह एक ऐसा नाम है जिसके सामने अमिताभ बच्चन , सलमान खान , शाहरुख खान , अजय देवगन , गोविंदा , अक्षय कुमार जैसे बड़े स्टार्स छोटे लगते हैं.
बाबा नानक ही कृपा रही कि यह पवित्र नाम का टाइटल हमें मिल गया, में सच कह रही हूं कि हमने सपने में भी नहीं सोचा था कि इस संसार का सबसे बड़ा स्टार टाइटिल या यूं कहें  कि संसार का सबसे बड़ी हैसियत वाला प्रोजेक्ट बाबा नानक जी हमारी झोली में डाल देंगे.
यह टाइटिल सिर्फ हमें  मिलना बाबा नानक जी की तरफ से हमारे लिये एक स्पष्ट संकेत था कि यह फिल्म सिर्फ हमें ही बनानी है वरना यह टाइटिल हमें मिलता ही क्यों ?"



सवाल : टाइटिल मिल जाने के बाद आपका पहला कदम क्या था ? मेरा कहने का मतलब यह कि इस फिल्म के टाइटल से स्पष्ट है कि यह बहुत ही सेंसटिव विषय है , जरा भी त्रुटि हुई तो सिख समुदाय उसे बर्दाश्त नहीं कर सकता ? "
" यह टाइटल मिलने के बाद हमारी जिम्मेदारियां बहुत बढ़ गई थी, हमने कई लेखकों से अच्छी कहानी पाने का प्रयास किया मगर निराशा हाथ लगी , ऐसी कोई भी कहानी नहीं मिली जो दिल को छू सके.
हमने हर कदम फूंक - फूंक कर रखना शुरू किया, सबसे पहले हमने पंजाबी भाषा सीखी , उसके बाद मान सिंह जी के कई सिख मित्र हैं जिन्हें बाबा नानक जी के संदर्भ में अच्छा खासा ज्ञान है , हमने उनकी टीम बनाई और समय - समय पर उनसे परामर्श करते रहे और उनका सुझाव लेते रहे.
कहानी ना मिल पाने से हमें निराशा होने लगी थी तो मान सिंह जी ने हमें सुझाव दिया कि कहानी तो आप के इर्द गिर्द बिखरी हुई आप उसे समेट लीजिए, फिर मैंने उन घटनाओं को समेटा जो बाबा की कृपा से लोगों के साथ घटित हो चुका था , सच कहें तो ये फिल्म नहीं बल्कि दिल को छूने वाला आस्था और विश्वास का एक सच्चा बयान है , आप सभी जब यह फिल्म देखेंगे तो सच मानिए कहीं ना कहीं यह आपकी अपनी या फिर आपके अपने लोगों की कहानी लगेगी. "
सवाल : इस फिल्म का निर्देशन आप स्वयं करेंगी क्या पहले ऐसा सोचा था टाइटिल मिलने के बाद ? मैं यह सवाल आपसे इस लिए भी कर रहा कि इससे पहले भी आपने कई बड़ी बड़ी फिल्मों का निर्माण किया है मगर उन सभी फिल्मों में अलग - अलग दूसरे निर्देशक थे ?"
" सच कह रही हूं , पहले मेरे मन में नहीं था कि इस फिल्म का निर्देशन मैं करूंगी, टाइटिल मिलते ही हमने पंजाबी के कई निर्देशकों से संपर्क किया था मगर उनसे बातचीत होने के बाद मान सिंह जी को संतुष्टि नहीं मिली और उन्होंने निर्णय लिया कि अब यह फिल्म मुझे ही निर्देशित करनी है क्योंकि पूरी स्क्रिप्ट मैंने लिखी थी , एक - एक सीन को पल - पल जिया , उसको अपने दिल में उतारा, इसलिए जो न्याय इस फिल्म के साथ में कर सकूंगी शायद दूसरा नहीं कर सकेगा, मान सिंह जी के इस निर्णय के बाद हमारी बड़ी जिम्मेदारी शुरू हो गई थी.

सवाल : बतौर फिल्म निर्माता आपने बड़ी बड़ी फिल्मों का निर्माण किया, " आशियाना " जैसी ट्रेंड सेटर कही जाने वाली टी ० वी ० सीरियल का निर्देशन भी किया था और इसके अलावा कई विज्ञापन फिल्में  भी बनाई फिर  हॉलीवुड के लीजेंड निर्देशक मार्टिन कोर्सेसी से ट्रेनिंग लेने की क्या जरूरत पड़ गई ?
" आज मैंने जो कुछ भी हासिल किया है , उसमें पूरी तरह से मेरे पति मान सिंह जी और मेरे बेटे वेदांत सिंह का बहुत बड़ा योगदान है. फिल्म निर्माण के दौरान समय समय पर दोनों ने मेरा हौसला बढ़ाया और उन्हीं दोनों के हौसले से मैं इतनी बड़ी फिल्म का निर्देशन कर पाई, मेरे बेटे का सुझाव था कि इतनी बड़ी आइकॉनिक फिल्म का निर्देशन करने जा रही हूं तो पहले मुझे हॉलीवुड के लीजेंड निर्देशक मार्टिन कोर्सेसी की अकेडमी ज्वाइन करनी चाहिए ताकि फिल्म निर्देशन की और भी बारीकियों से वाकिफ हो सकूं , निर्देशन के अन्य कई पहलू को जान सकूं ताकि फिल्म निर्देशन की जो गहराई है उसे फिल्म के सुनहरे पर्दे पर उतार sakun.  मेरा बेटा अमेरिका पढ़ाई कर रहा है , उसी ने मेरा दाखिला मार्टिन कोर्सेसी की फिल्म अकेडमी में करा दिया, जहां मैंने छः महीने निर्देशन की पूरी ट्रेनिंग हासिल की."
सवाल : " जब आपकी स्क्रिप्ट पूरी हो गई तो कलाकारों का चयन करते समय मुकेश ऋषि , विंदू दारा सिंह , डाली मट्टू और सरदार सोही का ही नाम आपकी जेहन में क्यों ? कोई और क्यों नहीं?"
" हमारी फिल्म इंडस्ट्री में एक से एक धुरंधर कलाकार मौजूद हैं मगर जिन कलाकारों को जिस किरदार के लिए चुना , सही चुना या गलत ? इसका अहसास जब आप फिल्म देखेंगे तो आपको खुद ही पता चल जायेगा कि फिल्म में जो कलाकार हैं , और उन सभी ने , जिस किरदार को निभाया है , क्या उसका दूसरा भी विकल्प था ? "
सवाल : आप भविष्य में किसी अन्य फिल्म निर्माण  की योजना बना रही हैं ?
" हां , हमारी तीन फिल्में हैं " क्यों चुप है गंगा ",  " झोलझाल डॉट कॉम " और " काश तुमसे मोहब्बत ना होती ". हैं, इन सभी फिल्मों की कहानी पर तेजी से कार्य चल रहा है.

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