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मई, 2024 की पोस्ट दिखाई जा रही हैं

फिल्म " नानक नाम जहाज़ है " इस सदी का सबसे बड़ा नाम है... कल्याणी सिंह ( निर्देशक व लेखिका ).

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  फिल्म की निर्देशक और लेखिका कल्याणी सिंह उन चुनिंदा फिल्मी हस्तियों में से एक हैं जिन्होंने फिल्म इंडस्ट्री में अपनी मेहनत और प्रतिभा से अपना एक मुकाम हासिल किया है. बतौर फिल्म पत्रकार अपना करियर शुरू करने वाली कल्याणी सिंह ने " राइट इमेज इंटरनेशनल " कंपनी की स्थापना की और " गुनहगार ", " जुर्माना ", " राजा भैया "," कृष्णावतार ", क्रांति क्षेत्र ", " गहरी चाल ", " मैंने गांधी को क्यों मारा ",  जैसी फिल्मों का निर्माण किया और ट्रेंड सेटर कही जाने वाली टी ० वी ० सीरियल " आशियाना " और विज्ञापन जगत में अपनी पहचान बनाने वाली कल्याणी सिंह ने हॉलीवुड के लीजेंड निर्देशक मार्टिन कोर्सेसी की अकेडमी से फिल्म निर्देशन की ट्रेनिंग लेकर फिल्म निर्देशन की छोटी छोटी बारीकियों को बखूबी समझा. इन दिनों कल्याणी सिंह अपनी रिलीज होने वाली फिल्म " नानक नाम जहाज़ है " को लेकर बेहद उत्सहित हैं जो 24 मई 2024 को वर्ल्ड वाइड रिलीज होने जा रही है और जिसे रिलायंस एंटरटेनमेंट कंपनी रिलीज कर रही है, हम अपने पाठकों को बता द

मातृ दिवस के अवसर पर कला स्रोत में होगी वत्सल अखिल भारतीय कला प्रदर्शनी का आयोजन

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आज पूरी दुनिया में ‘इंटरनेशनल मदर्स डे’ और ‘इंटरनेशनल  नर्सेस डे’ का उत्सव मनाया जा रहा है। दोनों के हृदय में वत्सल भाव होता है और दोनों – एक अपनी संतति को और दूसरी व्याधिग्रस्त शरीर को वात्सल्यसिक्त कर देती हैं। दोनों नवजीवन देती हैं। कलाकार भी विचारों, कल्पनाओं, सपनों, स्थावर-जंगम सभी को नवजीवन देता है- अपनी रचनाओं में। वह भी माँ से प्रेरित और अनुप्राणित होता है। माँ के बोल सुन और स्पर्श पाकर खिल उठता है उसका तन-मन और तैयार होता है एक नवाचारी एवं समृद्ध रचना के लिए जो सबके लिए कल्याणकारी हो। कलाकार सबका कल्याण चाहता है, भोगे हुए दुख को भी सकारात्मकता के साथ रचता है। उसमें भी मातृत्व भाव-वात्सल्य भाव जगता है अपनी रची रचनाओं के लिए। वह भी बतियाता, गुनगुनाता, दुलारता, सहलाता है अपनी रचनाओं को, भोगता है रचने का सुख-प्रसव सुख।     मातृ दिवस का उत्सव मनाने के लिए तैयार है कला स्रोत कला वीथिका जिसमें प्रदर्शित 41 चित्रों से सजी वत्सल अखिल भारतीय कला प्रदर्शनी का उद्घाटन प्रोफेसर शोभा मिश्र विभागाध्यक्ष, इतिहास विभाग, नवयुग कन्या स्नातकोत्तर महाविद्यालय लखनऊ द्वारा किया जाएगा और विशिष्ट अतिथ

तप और ज्ञान की भूमि है पुरा महादेव श्री परशुराम धाम : पं. सुनील भराला

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बागपत/मेरठ। आज दिनांक 11/05/2024 को भगवान श्री परशुराम जी के अवतरण दिवस के पावन अवसर पर पुरा महादेव में 11 कुंडलीय महायज्ञ का भव्य आयोजन किया गया और आहुति दी गई दी गई। प्रथम बार भगवान श्री परशुराम जी की तपोभूमि पुरा महादेव में प्राण प्रतिष्ठा के उपरांत उनकी मूर्ति स्थापित कर वहां महायज्ञ का आयोजन कर इस भूमि को पूरा शुद्धिकरण किया गया। महायज्ञ के उपरांत एक विशाल भंडारे का आयोजन भी किया गया और प्रसाद वितरण किया गया तथा जी। कार्यक्रम के उपरांत महासम्मेलन में बोलते हुए पंडित सुनील भराला, पूर्व राज्यमंत्री उत्तर प्रदेश सरकार व संस्थापक राष्ट्रीय परशुराम परिषद ने बोलते हुए कहा कि यहां भगवान परशुराम जी की तपोभूमि है और उनकी तपस्या के उपरांत भगवान श्री परशुराम यहां संकल्पित है, स्वयंभु उत्पन्न हुए और यहां सिद्धि, तप और ज्ञान की प्राप्ति होती है और इस ज्ञान की प्राप्ति पर यहां स्वयंभु भगवान शंकर जी ने भी दर्शन दिए थे। यह पीठ इसी कारण से भगवान परशुराम जी के नाम से नहीं परशुराम महादेव के नाम से जानी गई। यहां के महंत पूज्य महंत श्री ऋषि मुनि जी महाराज एवं मनीष जी महाराज जी के द्वारा किए गए लंबे सं