अमर सिंह राजपूत पुनः जिला अध्यक्ष निर्वाचित


दमोह। आज मध्य प्रदेश लेखक संघ इकाई दमोह का निर्वाचन अधिवेशन स्थानीय रामकुमार विद्यालय में हुआ, प्रांतीय समिति के निर्देशानुसार निर्वाचन अधिकारी डॉ. रघुनंदन चिले एवं सहायक निर्वाचन अधिकारी डॉ. प्रेमलता नीलम के द्वारा विधिवत निर्वाचन प्रक्रिया को संपादित किया गया। अधिवेशन का शुभारंभ मां सरस्वती के समक्ष दीप प्रज्वलन एवं पं. रामकुमार तिवारी के मंत्रोच्चार से हुआ, इसके बाद जिला सचिव श्री पीएस परिहार ने संघ का प्रतिवेदन प्रस्तुत किया। इस निर्वाचन अधिवेशन में निष्पक्ष एवं पारदर्शिता पूर्ण प्रक्रिया को अपनाते हुए जिला अध्यक्ष श्री अमर सिंह राजपूत, वरिष्ठ उपाध्यक्ष श्री रामकुमार तिवारी एवं जिला कोषाध्यक्ष श्री बीएम दुबे निर्वाचित हुए। नवनिर्वाचित जिला अध्यक्ष श्री अमर सिंह राजपूत ने संघ संविधान में प्रदत्त शक्तियों का उपयोग करते हुए कार्यकारी अध्यक्ष पद पर श्री ओजेंद्र तिवारी एवं जिला सचिव पद पर श्री पीएस परिहार को मनोनीत किया। सभी साहित्यकारों ने उक्त पदाधिकारियों को मालाऐं पहनाकर बधाई दी।
निर्वाचन अधिवेशन के बाद डॉ. रघुनंदन चिले जी की अध्यक्षता में काव्य गोष्ठी का आयोजन हुआ जिसमें उपस्थित साहित्यकारों ने समसामयिक कविताओं का पाठ किया। कार्यक्रम का संचालन श्री पीएस परिहार ने किया तथा आभार श्री अमर सिंह राजपूत ने माना।दूसरे चरण में काव्य रस की अविरल धार बहाते हुए  नरेंद्र अरजरिया ने रचना पढ़ी कि,पेट सभी को दे रहा,पल पल में अलसेट। इस के चक्कर में सभी,करते नित्य परेट। गणेश राय ने,सुख को शरबत भर पेट पियो। चंद्रा नेमा ने,स्वर हमारे गीत बन सकें शारदा मां।आराधना राय ने,क्या औचित्य इन सब का,कहां हैं हमारे विचार। पी एस परिहार ने,एक दीप तुम जलाओ,एक दीप हम जलाएं। डा प्रेमलता नीलम ने,किरण खीन भी हो सूरज की जगमगाएगी।डा रघुनंदन चिले ने,आग पेट की कभी बुझी ना।रामकुमार तिवारी ने,राधा कहुं के जय हैं।इंजी अमर सिंह राजपूत ने, लहसुन खाना भी जहां समझा जाता पाप,जानें क्यों उस देश में रिश्वत खाते आप।बी एम दुबे ने,जिनसे मिलना और बात करना दुर्लभ था।आनंद जैन ने,यूं तो लोगों आईने मिलते हैं विरासत में। चेहरे अक्सर बदल जाते हैं सियासत में।और सदन नेमा ने ,ने मारो नैन छ्वीली। रचना पढ़ी। सदन में भारी संख्या में साहित्य सुधीजन मौजूद रहे।

 

टिप्पणियाँ

इस ब्लॉग से लोकप्रिय पोस्ट

"अथाई की बातें" बुंदेली भाषा की तिमाही पत्रिका से जुड़कर बुंदेली भाषा के विकास में करें सहयोग

समाज में दान देने की प्रवृत्ति में अभिवृद्धि की आवश्यकता : मनमोहन तिवारी

बुंदेलखंड सामाजिक एवं सांस्कृतिक सहयोग परिषद ने 37 वां स्थापना दिवस मनाया